सामाजिक न्याय की परिकल्पना, सत्ता के हस्तांतरित किए बिना असंभव

सामाजिक न्याय की परिकल्पना, सत्ता के हस्तांतरित किए बिना असंभव------
(A) बात बिहार की करें तो :-----
पिछले 35 सालों में सत्ता की चाभी किसके हाथों रही.....
पहले यादव समाज के लालू- राबड़ी ,पति पत्नी युगल के हाथों....
फिर, कुर्मी समाज के नीतीश कुमार जी के हाथों...
बीच में,जीतन राम मांझी ने कुछ महीने सत्ता जरूर सम्हालने का कार्य किया...
अब आगे, यदि 10 वीं पास नहीं करने वाले को मुख्यमंत्री बिहारी क़बूल सकेगा....क्या ,10 वीं की शिक्षा इतने समृद्ध परिवार में जन्मे व्यक्ति हासिल नहीं करे और उनसे बिहार की शिक्षा बेहतर करने का अवसर मिलना चाहिए???
(B) यदि बात, उत्तर प्रदेश के राजनीति की करें तो:------
मुलायम सिंह यादव,अखिलेश यादव और उनका परिवार...कभी दूसरे को अवसर तो मिले....
(C) बिहार हो या उत्तर प्रदेश, माफिया लोगों को कभी मुलायम सिंह यादव हो या अखिलेश यादव हो या लालू प्रसाद यादव हो, सभी ने कुख्यात अपराधी किस्म के लोगों को दहशत, आतंक और अशांति फैलाकर डर का माहौल बनाने में सहयोग किया है.....
आज कुछ माफिया, सजा काटते मौत के मुह में गए, कुछ पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मृत्यु को प्राप्त किए....
(D) माफिया ,आतंकी, गुंडा, बदमाश, क्रिमिनल, अपराधी, डॉन, बाहुबली...अनेकों शब्दावली से नवाजा गया, ऐसे लोगों को क्यों???
यदि आप, स्वर्ण जाति के अपराधियों को देखेंगे तो मीडिया ने उसे बाहुबली शब्दावली से नवाजा...
मुस्लिम अपराधियों को माफिया, अंडरवर्ल्ड डॉन आदि शब्दावली से नामांकित किया गया....
गलत कोई भी करे, गलत तो गलत होता है...
यदि आप, पेपर लीक अपराधियों पर नजर डालेंगे तो आप, रंजीत डॉन जो कुर्मी जाति से आते हैं, उनके अलावा कुछ स्वर्ण समुदाय के परीक्षा पेपर लीक करने के गिरोह से वाकिफ होंगे....
(E) सामाजिक न्याय के अधूरे संकल्प को पूरा करेगा कौन ???
उत्तर प्रदेश में, किसी अतिपिछड़ी जाति के व्यक्ति कोई अगले चुनाव में मुख्यमंत्री बनाने की जरूरत है...
वहीँ, बिहार के आगामी चुनाव में, गैर-यादव, गैर-कुर्मी जाति के किसी अन्य OBC जातियों में कोई दक्ष ,कर्मठ, योग्य जाति के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाकर, सामाजिक न्याय के अधूरे सपने को पूरा करना चाहिए....
बिहार मांगे बदलाव...